उत्तर प्रदेश के इन 9 जिलों में खोले जाएंगे मेडिकल कॉलेज
Hello friends welcome back to pratikblock आज की सबसे बड़ी खबर के साथ हाजिर हूं ।
आज का आर्टिकल मोस्ट होने बाला है क्युकी आज हम आपके लिए एक मोस्ट न्यूज लेकर आए है उनके लिए जो अपना करियर मेडिकल छेत्र में बनाना चाहते है ।
जैसा की आप सभी को पता ही होगा योगी सरकार एक बाद एक योजना ला रही है इसी में एक मोस्ट खबर आई है
चलिए जानते है ।
मेडिकल कालेज किस आधार पर खोले जाएंगे
सहभागिता (पीपीपी) माडल के आधार पर बनने वाले मेडिकल कालेजों के लिए बड़े पैमाने पर निजी निवेशक सामने आए हैं। प्रदेश के नी जिलों में पीपीपी मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 17 निवेशकों ने पहल की है। इसके अलावा मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफेकरिंग के क्षेत्र में बड़े निवेशक राज्य के कई जिलों में निवेश कर रहे हैं।
कहा कहा खोले जाएंगे कॉलेज
प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कालेज खोलने के योगी सरकार के फैसले के तहत निजी क्षेत्र की मदद ली जानी है। इसके तहत राज्य के नौ जिलों पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने और उसके संचालन में 17 व्यवसायिक समूहों ने पहल की है।
वह मेडिकल कॉलेज केंद्र की मदद से खोले जाने हैं। राज्य के 16 जिले ऐसे हैं जहां पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं।
इन जिलों में खोले जाएंगे मेडिकल कॉलेज
इनमें बागपत, हाथरस, रामपुर, संभल,
शामली, महाराजगंज, कासगंज, मऊ, श्रावस्ती चित्रकूट, बलिया, भदोही, हमीरपुर, महोबा मैनपुरी, संत कबीर नगर जिले शामिल हैं।
17 कंपनियों ने दिया प्रस्ताव
चिकित्सा शिक्षा विभाग को बागपत, हाथरस, रामपुर, संभल, शामली, महाराजगंज, कासगंज मक, श्रावस्ती जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए निजी क्षेत्र से कुल 17 प्रस्ताव
मिले हैं। इसमें तीनों श्रेणियों में आवेदन किए गए है। हाथरस और संभल में सर्वाधिक तीन-तीन प्रस्ताव मिले हैं। जबकि बागपत, रामपुर शामली और कासगंज में दो-दो प्रस्ताव आए हैं। बाकी जिलों में एकल प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जबकि चित्रकूट, बलिया, भदोही, हमीरपुर महोबा मैनपुरी संत कबीर नगर जिलों में
• चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार
पहली श्रेणी में जमीन और पूरा निवेश निजी क्षेत्र का होगा। दूसरी श्रेणी में मेडिकल कॉलेज की जमीन और बिल्डिंग निवेशक की होगी जबकि अस्पताल सरकारी होगा और तीसरी श्रेणी में मेडिकल कॉलेज भवन और अस्पताल दोनों ही सरकारी होंगे, मगर संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाएगा।
इन मामलों में राज्य सरकार वित्तीय व गैर वित्तीय सहायता देगी। पांच साल के लिए लागत पर पांच फीसदी की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम एक करोड़ प्रतिवर्ष होगी।
उत्तर प्रदेश में ही बनेंगे मेडिकल इक्विपमेंट
अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में जल्दी ही उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हब बनाने के क्रम में नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। इस पार्क के निर्माण को लेकर नोएडा में कार्रवाई की जा रही है, इसके अलावा दवाओं के
निर्माण के लिए भी सरकार ने बीते माह कई फैसले लिए हैं। जिसके चलते राज्य में वर्ष 2018 में बनाई गई फार्मास्यूटिकल नीति में संशोधन कर नई फार्मास्यूटिकल नीति लाने का फैसला किया है। इस नई नीति में किए जाने वाले संशोधनों से सरकार कच्चे माल के रूप में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) निर्माण करने वाली कंपनियां यूपी में आने की पहल की है।
जल्द शुरू होगा दवाइयों का निर्माण उत्तर प्रदेश में
जल्दी ही दवा निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत देश तथा विदेश की बड़ी दवा कंपनियां यूपी में आएंगी और दवाओं के कच्चे माल के आवात के लिए पर निर्भरता कम होगी और यूपी दवा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। प्रदेश सरकार द्वारा हेल्थ सेक्टर को बेहतर करने को लेकर किए गए प्रयासों का ही यह नतीजा है, जिसके चलते नीति आयोग प्रदेश सरकार की तारीफ कर रहा है और बड़े निवेशक भी मेडिकल कालेज की स्थापना के तैयार हो गए है
तो दोस्तो कैसी लगी आपको ये जानकारी आप लोग कॉमेंट करके जरूर बताएं ।
और ज्यादा अपडेट्स के लिए हमारा टेलीग्राम चैनल जरूर ज्वाइन करे । 👇👇👇
सब्सक्राइब करे हमारा यूट्यूब चैनल गवर्मेंट एग्जाम job alert daily latest news के लिए 👇👇👇
। इन्हे भी पड़े ये जरूरी है ।
इस तारीख से होगे UP FREE TABLET वितरण शुरू
ED FIRST SEMESTER NOTES PDF IN HINDI
APPLIED PHYSICS 1HAND WRITTEN NOTES PDF
Electronic components के नाम विस्तार से
OMICRON VIRUS से कैसे बचे कितना खतरनाक है ?
_____________________________________________________________
Like comment share
ReplyDeleteThanks 😊
ReplyDeleteNice information thank you so much dear
ReplyDelete